अधिकांश महिलाएं बसें सात रूटों में से हटाई गई है.
डेढ़ महीने पहले पटना की सड़कों पर एक बड़ा ही सुखद और अच्छा माहौल दिख रहा था. दरअसल, पैसेंजर्स की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने एक साथ चमचमाती ६० बसें उतरीं थीं. कम पैसे में बेहतर सुवि
धा दी जा रही थी. खासियत यह थी कि पहली बार पटना शहर के अन्दर महिलाओं के लिए स्पेशल बसें एक साथ सात रूटों में चलानी शुरू हो गई थी. इन बसों का रंग पिंक रखा गया था जो पहचानने में मुश्किल न हो.
परन्तु अफसोश यह सुविधा डेढ़ महीने बाद बंद कर दिया गया है. कारन यह बताया जा रहा है कि इन बसों से इनकम कुछ खास नहीं आ रहा था. एक बस से रोजाना २००-३०० रुपये ही आ पते थे, जबकि इससे अधिक डीजल खर्च हो जाता है.
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