Wednesday, February 5, 2014

सर्टिफिकेट केस

मुखिया व मनरेगा कर्मियों पर होगा केस


मनरेगा में गड़बड़ी के मामले में महुआ के एक मुखिया व मनरेगा कर्मियों के विरुद्ध डीडीसी ने सर्टिफिकेट केस करने का आदेश दिया है। ग्रामीण विकास विभाग के विशेष पदाधिकारी के निर्देश पर प्रखंड के गौसपुर चकमजाहिद पंचायत में मनरेगा योजना की जांच करायी गयी थी। जांच में पौने दस लाख की राशि अपव्यय करने का मामला प्रकाश में आने के बाद यह कार्रवाई की गयी है। गांव के ही कुछ लोगों ने ग्रामीण विकास विभाग बिहार व ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के यहां लिखित रुप से शिकायत की थी। संबंधित मुखिया व मनरेगा कर्मियों से राशि वसूली को लेकर महुआ के कार्यक्रम पदाधिकारी को सर्टिफिकेट केस दायर करने का आदेश दिया गया है।
जानकारी के अनुसार महुआ प्रखंड के चकमजाहिद पंचायत में मनरेगा में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरते जाने की शिकायत गांव के ही मुकेश कुमार व अन्य ने भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय व ग्रामीण विकास विभाग बिहार में की थी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश पर ग्रामीण विकास विभाग के विशेष पदाधिकारी ने शिकायत की जांच कराने का आदेश डीडीसी को दिया था। वैशाली के डीडीसी डा. उमाशंकर मंडल ने इस गंभीरता से लेते हुए महुआ एसडीओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर मामले की जांच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था। महुआ एसडीओ के नेतृत्व में गठित जांच दल ने योजना का भौतिक सत्यापन किया। जांच के क्रम में व्यापक अनियमितता पाई गयी। मनरेगा योजना के तहत वृक्षारोपण की कई योजनाओं में मुखिया, पंचायत रोजगार सेवक, पंचायत तकनीकी सहायक व कनीय अभियंता की मिलीभगत से योजना में 9 लाख 67 हजार 42 रुपये गड़बड़ी करने का मामला सामने आया। एसडीओ के जांच से संबंधित प्रतिवेदन सौंप देने के बाद डीडीसी ने अपने पत्रांक 258 दिनांक 30 जनवरी 2014 के द्वारा महुआ के कार्यक्रम पदाधिकारी को संबंधित मुखिया, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व कनीय अभियंता से राशि की वसूली हेतु उनके विरुद्ध नीलाम पत्र दायर करने का आदेश दिया है।

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