दिवाली पर दिवाला निकालने की तैयारी
पटना : राजधानीवासी सावधान! थोड़ी सी चूक से दिवाली आपकी सेहत का दिवाला निकल सकती है। केवल सुदूर देहाती इलाकों में ही नहीं, बल्कि राजधानी पटना में भी दिवाली के मौके पर बाज़ार में नकली दूध,पनीर,घी,मक्खन और खोवा की भरमार है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में राजधानी के अदालत घाट मोहल्ले में नकली घी,दूध,खोवा,पनीर और मक्खन बनानेवाली फैक्ट्री का उद्भेदन हुआ । बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने पटना के अदालत घाट स्थित पंकज डेयरी और जनहित घी फैक्ट्री पर छापा मारा। इस छापेमारी में बड़े पैमाने पर नकली घी,दूध,पनीर,मख्कन और खोवा बरामद हुआ। यहां पर खतरनाक केमिकल और अरारोट के पावडर जैसी जहरीली चीजें मिलकर नकली घी ,दूध, मक्खन और पनीर,खोवा बनाया जा रहा था। पुलिस ने 50 किलो पनीर, कई किलो अरारोट का पावडर, 60 किलो खोवा और भारी मात्रा में नकली घी वरामद किया है। छापेमारी में शामिल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आशीष कुमार सिंह ने बताया की इन फैक्ट्रियों में जनहित के नाम से नकली घी और पंकज डेयरी के नाम से नकली दूध और पनीर बनाया जा रहा था। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नकली घी,दूध को नष्ट कर दिया और उसके सैम्पल जांच के लिए ले लिया गया है। सबसे खास बात यह है की ये नकली घी,मक्खन और दूध,खोवा -पनीर बनाने की दो फैक्ट्रियां राजधानी के ऐसी मलिन बस्ती के अन्दर गुपचुप तरीके से चल रही थी। इसकी भनक कभी मुहल्ले के लोगों को भी नहीं लगी। चारो तरफ झुगी – झोपड़ी,उनके बीच एक गन्दा सा छोटा घर और उसके अन्दर चल रही थी जनहित घी और पंकज डेयरी नाम से दो दो फक्ट्री, घर में नकली दूध ,घी,मक्खन और खोवा बनाया जा रहा था और उसके बाहर दिखावे के लिए चल रही थीं दो मिठाइयों की दुकाने.मिठाइयों की दुकानों पर मंडरा रहे जहरीले कीड़ों से लड़ते हुए जब स्वास्थ्य विभाग की टीम फैक्ट्री में दाखिल हुयी तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं था। मिठाइयों कि दुकान के पीछे झुग्गी – झोपड़ी के बीच एक छोटे से मकान में इन दो फैक्ट्रियों के चलने के उद्भेदन से इलाके के लोग हैरान हैं, लेकिन नकली फैक्ट्री का मालिक इतना दबंग है कि चोरी के बावजूद सीनाजोरी करता नजर आया। फैक्ट्री के मालिक चुन्नी लाल कहता है कि इस छापेमारी से उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा। मैं केवल घी बनाता हूँ। नकली नहीं बनाता, बगैर जांच के ही नकली कह देने से मेरा समान नकली हो जाएगा। घी, मक्खन बनाने का दुनिया का सब लायसेंस है हमारे पास। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां बरामद घी,पनीर,मक्खन और खोवा सभी जानलेवा हैं। दूध में बहुत गन्दगी थी और उसमे फारेन एलिमेंट बहुत मिले हुए थे। सूबे में नकली घी,दूध और मक्खन बनाने के नकली फैक्ट्री के उद्भेदन का यह पहला मामला नहीं है। दो सप्ताह पूर्व हाजीपुर में भी एक नकली घी कंपनी का उद्भेदन हुआ था और वहां से भारी मात्रा में नकली घी और उसे बनाने के उपकरण वारामद हुए थे.पर्व त्यौहार के दिन में घी,दूध,मक्खन और खोवा की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिसे पूरा करने और ज्यादा मुनाफे की लालच में शहर के दुकानदार भी इन नकली सामानों को बेचने के रैकेट में शामिल हो गये हैं। खास बात यह है की ये नकली घी,मक्खन और दूध,खोवा -पनीर बनाने की दो फैक्ट्रियां राजधानी के ऐसी मलिन बस्ती के अन्दर गुपचुप तरीके से चल रही थी। इसकी भनक कभी मुहल्ले के लोगों को भी नहीं लगी। चारो तरफ झुगी – झोपड़ी,उनके बीच एक गन्दा सा छोटा घर और उसके अन्दर चल रही थी जनहित घी और पंकज डेयरी नाम से दो दो फक्ट्री, घर में नकली दूध ,घी,मक्खन और खोवा बनाया जा रहा था और उसके बाहर दिखावे के लिए चल रही थीं दो मिठाइयों की दुकाने.मिठाइयों की दुकानों पर मंडरा रहे जहरीले कीड़ों से लड़ते हुए जब स्वास्थ्य विभाग की टीम फैक्ट्री में दाखिल हुयी तो उसके आश्चर्य का ठिकाना नहीं था। मिठाइयों कि दुकान के पीछे झुग्गी – झोपड़ी के बीच एक छोटे से मकान में इन दो फैक्ट्रियों के चलने के उद्भेदन से इलाके के लोग हैरान हैं, लेकिन नकली फैक्ट्री का मालिक इतना दबंग है कि चोरी के बावजूद सीनाजोरी करता नजर आया। फैक्ट्री के मालिक चुन्नी लाल कहता है कि इस छापेमारी से उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा। मैं केवल घी बनाता हूँ। नकली नहीं बनाता, बगैर जांच के ही नकली कह देने से मेरा समान नकली हो जाएगा। घी, मक्खन बनाने का दुनिया का सब लायसेंस है हमारे पास। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यहां बरामद घी,पनीर,मक्खन और खोवा सभी जानलेवा हैं। दूध में बहुत गन्दगी थी और उसमे फारेन एलिमेंट बहुत मिले हुए थे। सूबे में नकली घी,दूध और मक्खन बनाने के नकली फैक्ट्री के उद्भेदन का यह पहला मामला नहीं है। दो सप्ताह पूर्व हाजीपुर में भी एक नकली घी कंपनी का उद्भेदन हुआ था और वहां से भारी मात्रा में नकली घी और उसे बनाने के उपकरण वारामद हुए थे.पर्व त्यौहार के दिन में घी,दूध,मक्खन और खोवा की मांग बहुत ज्यादा बढ़ जाती है , जिसे पूरा करने और ज्यादा मुनाफे की लालच में शहर के दुकानदार भी इन नकली सामानों को बेचने के रैकेट में शामिल हो गये हैं।
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