Wednesday, December 3, 2008

भारत के कुत्ते

व्यंग्य
भारत में कुत्ते हमेशा से लोकप्रिय रहे हैं, लेकिन इन दिनों उनकी लोकप्रियता चरम सीमा पर है। केरल के मुख्यमंत्री तो उनके ब्राण्ड एम्बेसडर माने जा रहे हैं क्योंकि उन्हें कुत्तों के शेड्यूल के बारे में खासी जानकारी है। कुत्ते कब, कहां जाते हैं – या नहीं जाते हैं, इसका सनसनीखेज रहस्योदघाटन उन्होंने पिछले दिनों एक टीवी चैनल पर किया।
उसके बाद से सारे भारतवासी कुत्तों की चर्चा में जुट गए हैं। “जोश 18” के पाठकों ने अपनी प्रतिक्रियाओं में इतने बार कुत्तों को याद किया कि उसके सामने सचिन के रनों का आकंड़ा कम पड़ गया। सुना है “जोश 18” वाले अमेरिका से सुपर कम्प्यूटर खरीदने की सोच रहे हैं ताकि उनकी साइट पर पिछले 24 घंटों में कितनी बार “कुत्ते” शब्द लिखा गया उसकी गणना की जा सके, और फिर सबसे ज्यादा बार “कुत्ता” शब्द दर्ज करने वाली साइट के रूप में गिनीज बुक ऑफ रेकॉर्ड्स में अपना नाम लिखवा सके।
जोश 18 के पाठकों की प्रतिक्रियाएं देखते हुए लगता है कि कुत्तों का ब्राण्ड एम्बेसडर बनने और केरल के मुख्यमंत्री को तगड़ी होड़ देने और के लिए और भी कई लोग होड़ में हैं। इनमें मुम्बई के श्री राज ठाकरे प्रमुख हैं। जोश 18 के अधिकांश पाठक इस पक्ष में नजर आते हैं कि श्री राज ठाकरे पर इंसान के सबसे वफादार साथी का नाम सबसे ज्यादा फबता है। श्री ठाकरे को इस होड़ में आगे बढ़ाने में उनकी पत्नी इन दिनों जी-तोड़ कोशिश कर रही हैं और काफी सफल होती नजर आ रही हैं। भारत में कुत्तों की अनायास बढ़ी प्रसिद्धि के साथ- साथ कुछ अन्य प्रजातियां भी अचानक बहुत लोकप्रिय हो गई हैं और जनता की बातचीत में उनका नाम बार- बार सुनाई देने लगा है। इनमें प्रमुख हैं “हिजड़े” और “कमीने”। आज तक भारतीय जनता एक- दूसरे को प्यार से “अबे कुत्ते” कह कर पुकारती थी। मुम्बई में हुए आतंकवादी हमलों का यह असर हुआ है कि पहली बार वह अपने सेवकों को भी इसी प्यार से पुकार रही है।
जोश 18 को विश्वस्त सूत्रों से खबर मिली है कि कुछ टीवी चैनल इस समय कुत्तों की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश कर रहे हैं ताकि जान सकें कि अपनी इस बढ़ी लोकप्रियता के बारे में कुत्ते क्या सोचते हैं। खबर है कि ये टीवी चैनल कुत्तों का “लाइव इंटरव्यू” दिखाने वाले हैं।
इंतजार जरिए “ब्रेकिंग न्यूज” का।

महाराष्ट्र: नए मुख्यमंत्री का चुनाव आज

04 दिसम्बर 2008 एजेंसियां नयी दिल्ली कांग्रेस ने कल अंतत. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख को हटाने का फैसला कर लिया और उन्हें अपना त्यागपत्र राज्यपाल को सौंपने का निर्देश दे दिया।कल दिन में कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने श्री एंटनी से मुलाकात की थी। कुछ टीवी चैनलों के अनुसार राहुल गांधी इस बात से नाराज थे कि देशमुख को नए मुख्यमंत्री के चुनाव तक समय दिया जा रहा था। उसके बाद श्री देशमुख के इस्तीफे पर फैसले की दिशा में गतिविधियां तेज हो गयी। कांग्रेस के अन्य बड़े नेताओं ने देशमुख की स्थिति पर बैठक की, सोनिया गांधी को इसकी जानकारी दी और फिर श्री एंटनी ने देशमुख का इस्तीफा स्वीकार कर लिये जाने की घोषणा कर दी। श्री एटंनी ने श्रीमती गांधी के आवास दस जनपथ के बाहर पत्रकारों को बताया कि श्री देशमुख का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है और उन्हें इसे राज्यपाल को सौंपने के लिये कहा गया है। उन्होंने कहा कि नये नेता के चुनाव के लिये गुरुवार मुंबई में पार्टी के केन्द्रीय पर्यवेक्षक मुंबई जाकर पार्टी विधायकों से विचार विमर्श के बाद श्री देशमुख के उत्तराधिकारी के बारे में निर्णय लेगें।विलासराव देशमुख दूसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से निकाले गए हैं। इससे पहले 2003 में उन्हें सिर्फ तीन वर्ष के कार्यकाल के बाद विवादों के कारण हटा दिया गया था। इस बार भी वे कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए और चार साल बाद पद से हटा दिए गए।