Friday, July 1, 2011

सीएमवी

बहरा बनाने वाले वाइरस का पता चला

क्या ऐसा भी वायरस ऐसा हो सकता है जो बच्चों से उनकी सुनने की शक्ति छीन लेता है. शोधकर्ताओं के एक समूह का कहना है कि एक प्रकार का वायरस संक्रमण नवजातों के सुनने की शक्ति छीन सकता है और उन्हें बौद्धिक रूप से विकलांग बना सकता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक ‘साइटोमेगैलोवायरस’ ( सीएमवी ) एक सामान्य प्रकार का वायरस संक्रमण है.

एक स्वस्थ व्यक्ति पर इसके या तो फ्लू जैसे लक्षण दिखेंगे या कोई लक्षण नहीं दिखेंगे. गर्भावस्था के दौरान पहली बार यह संक्रमण होने से परेशानियां खड़ी हो सकती हैं. ऑस्ट्रेलियन मेडीकल जर्नल के मुताबिक न्यू साउथ वेल्सविश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर विलियम रावलिंसन का कहना है कि सीएमवी की बहुत कम पहचान हो पाती है. 1999 और 2009 की एक निगरानी परियोजना के मुताबिक एक साल के दौरान सीएमवी के करीब 1,800 मामलों में से केवल पांच से लेकर 25 मामलों की ही पहचान हो पायी.

रावलिंसन ने कहा कि सीएमवी की स्क्रीनिंग सस्ती होती है और इस बीमारी से पीड़ित 30 दिन से कम आयु के नवजातों के इलाज के लिए एक एंटीवायरल थैरेपी विकसित की जा चुकी है. इससे बहुत से संक्रमित बच्चे स्वस्थ हो सकते हैं. हालांकि आधे बच्चे में तो जन्म के समय इसके कोई लक्षण नहीं दिखते और बिना स्क्रीनिंग के इसकी पहचान नहीं हो सकती.

महिलाओं की बसें हटाई जा रही है...

अधिकांश महिलाएं बसें सात रूटों में से हटाई गई है.


डेढ़ महीने पहले पटना की सड़कों पर एक बड़ा ही सुखद और अच्छा माहौल दिख रहा था. दरअसल, पैसेंजर्स की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने एक साथ चमचमाती ६० बसें उतरीं थीं. कम पैसे में बेहतर सुवि

धा दी जा रही थी. खासियत यह थी कि पहली बार पटना शहर के अन्दर महिलाओं के लिए स्पेशल बसें एक साथ सात रूटों में चलानी शुरू हो गई थी. इन बसों का रंग पिंक रखा गया था जो पहचानने में मुश्किल न हो.

परन्तु अफसोश यह सुविधा डेढ़ महीने बाद बंद कर दिया गया है. कारन यह बताया जा रहा है कि इन बसों से इनकम कुछ खास नहीं आ रहा था. एक बस से रोजाना २००-३०० रुपये ही आ पते थे, जबकि इससे अधिक डीजल खर्च हो जाता है.