Wednesday, February 5, 2014

भाजपा

आरक्षण संबंधी बयान नई बहस छेड़ने की कोशिश: भाजपा
भाजपा ने जातीय आधार पर आरक्षण के खिलाफ कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी के रख को ट्रायल बलून कहते हुए आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी जानबूझकर भ्रष्टाचार और महंगाई के मुद्दों पर सरकार विरोधी भावनाओं को दरकिनार करने के लिए नई बहस छेड़ने की कोशिश कर रही है।
    राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह मुझे ट्रायल बलून सा लगता है। देश में नई बहस छेड़ने का जानबूझकर प्रयास किया जा रहा है। यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि सरकार के खिलाफ माहौल है। बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और विकास तथा सुरक्षा की कमी जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ माहौल है।
   प्रसाद ने कहा कि इसे दरकिनार करने के लिए दो तरह की कोशिशें की जा रहीं हैं। एक कोशिश सांप्रदायिकता-धर्मनिरपेक्षता की बहस शुरू करने की है और दूसरी यह नया ट्रायल बलून है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और इसका संज्ञान लिया जाना चाहिए क्योंकि कांग्रेस के एक वरिष्ठ महासचिव ने यह मुददा उठाया है जिन्हें गांधी परिवार के करीब समझा जाता है और जिन्हें राहुल गांधी और सोनिया गांधी के भाषण लिखने के लिए उनकी आवाज समझा जाता है। प्रसाद ने कहा कि भाजपा ने संसद में इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया और सरकार को कहना पड़ा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है।

इस्तीफा वापस लेने से इंकार किया

बिहार की मंत्री नीतीश से मिलीं

पटना बिहार में समाज कल्याण विभाग के मंत्री पद से त्यागपत्र दे चुकीं परवीन अमानुल्लाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात करने के बाद बुधवार को कहा कि वह अपने निर्णय पर कायम हैं।                                               
मुख्यमंत्री आवास में नीतीश से मुलाकात करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए परवीन ने कहा कि वह स्वयं समय लेकर मुख्यमंत्री से मिलने गई थीं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई और कुछ भी नहीं है। हमने अपनी बातें रखी है और उन्होंने भी बातें रखीं। हम लोगों के बीच आपसी रंजिश नहीं थी जिसे सुलझाना था। यह पूछे जाने पर इस्तीफा देने का कारण क्या है, परवीन ने कहा कि कोई आपसी रंजिश नहीं है। ऐसी कोई शिकायत नहीं कि हम कुछ बदलवाना चाहते थे। तंत्र को सुधारने के लिए उन्होंने यह निर्णय लिया है।

सर्टिफिकेट केस

मुखिया व मनरेगा कर्मियों पर होगा केस


मनरेगा में गड़बड़ी के मामले में महुआ के एक मुखिया व मनरेगा कर्मियों के विरुद्ध डीडीसी ने सर्टिफिकेट केस करने का आदेश दिया है। ग्रामीण विकास विभाग के विशेष पदाधिकारी के निर्देश पर प्रखंड के गौसपुर चकमजाहिद पंचायत में मनरेगा योजना की जांच करायी गयी थी। जांच में पौने दस लाख की राशि अपव्यय करने का मामला प्रकाश में आने के बाद यह कार्रवाई की गयी है। गांव के ही कुछ लोगों ने ग्रामीण विकास विभाग बिहार व ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के यहां लिखित रुप से शिकायत की थी। संबंधित मुखिया व मनरेगा कर्मियों से राशि वसूली को लेकर महुआ के कार्यक्रम पदाधिकारी को सर्टिफिकेट केस दायर करने का आदेश दिया गया है।
जानकारी के अनुसार महुआ प्रखंड के चकमजाहिद पंचायत में मनरेगा में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरते जाने की शिकायत गांव के ही मुकेश कुमार व अन्य ने भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय व ग्रामीण विकास विभाग बिहार में की थी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के निर्देश पर ग्रामीण विकास विभाग के विशेष पदाधिकारी ने शिकायत की जांच कराने का आदेश डीडीसी को दिया था। वैशाली के डीडीसी डा. उमाशंकर मंडल ने इस गंभीरता से लेते हुए महुआ एसडीओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच दल गठित कर मामले की जांच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था। महुआ एसडीओ के नेतृत्व में गठित जांच दल ने योजना का भौतिक सत्यापन किया। जांच के क्रम में व्यापक अनियमितता पाई गयी। मनरेगा योजना के तहत वृक्षारोपण की कई योजनाओं में मुखिया, पंचायत रोजगार सेवक, पंचायत तकनीकी सहायक व कनीय अभियंता की मिलीभगत से योजना में 9 लाख 67 हजार 42 रुपये गड़बड़ी करने का मामला सामने आया। एसडीओ के जांच से संबंधित प्रतिवेदन सौंप देने के बाद डीडीसी ने अपने पत्रांक 258 दिनांक 30 जनवरी 2014 के द्वारा महुआ के कार्यक्रम पदाधिकारी को संबंधित मुखिया, रोजगार सेवक, तकनीकी सहायक व कनीय अभियंता से राशि की वसूली हेतु उनके विरुद्ध नीलाम पत्र दायर करने का आदेश दिया है।