Tuesday, January 29, 2008

PATNA JUNCTION

मैं कई वर्षों से देख रहा हूँ कि पटना रेलवे स्टेशन पर पागल औरतों की संख्या दिन- प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. इतने पर ही बात रुक जाती तो कोई बात नहीं थी पर चिंता की बात यह है कि उस पागल औरत के साथ कुछ ऐसा हो रहा है कि कुछ महीनों के बाद उसके गोद में बच्चा दिखने लगता है.
अब उसकी स्थिति बहुत भयावह हो जाता है. वह नवजात शिशु बिना दूध - पानी के कैसे देश का भविष्य बनेगा हम सोच सकते है.
सरकार की योजना गर्भ से ही शुरू हो जाता है. वह योजना इन बच्चों तक कोई पहुँचने में समर्थ नहीं हो पा रहा है. सरकार हो या एन.जी.ओ.
सबसे दीगर बात है कि स्टेशन प्रबंधक, जी.आर.पी., आर. पी. एफ. इन सारे में से किसी को यह बात महत्वपूर्ण नहीं लगती.
प्रेस वालों की भी नजर अब तक इस पर नहीं गई है. जब की उनकी नजर इस पर तुरंत जानी चाहिए. वे नहीं देखेंगे तो शायद उन पर किन्ही की नजर या ध्यान नहीं ही जायेगा. इसलिए मैं प्रेस वाले भाइयों से अनुरोध करूँगा कि वे इनकी खबर सुर्खियों में छापें.

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